Thursday, January 4, 2018

पीठ पीछे बुराई करने वालों से निबटे




वैसे तो वह हमेशा मेरी सच्ची दोस्त बनती है लेकिन पिछे से लोगों से मेरी बुराई करती रहती है। समझ नहीं आता उसकी बातों पर विश्वास करूं या नहीं। बहुत ही अटपटा सा महसूस होता है जब आप किसी दूसरे से अपने बारे में गलत शब्दों या बुराईयों को सुनते है और ये बुराईयां आपके किसी खास दोस्त या सहकर्मी या परिजन ने की हो। मन और मस्तिष्क दोनो को ही काफी ठेस पहंुचती है लेकिन ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ ऐसी बातें ध्यान में रखें जिससे आप इन सबसे निपट सके।

पीठ पीछे बुराई करना
एक ऐसी बुराई होती है जो मनुष्य के मन मस्तिष्क को हानि पहुंचाती है तथा सामाजिक संबंधों के लिए भी विष होती है। पीठ पीछे बुराई की परिभाषा में कहा गया है पीठे पीछे बुराई करने का अर्थ यह है कि किसी की अनुपस्थिति में उसकी बुराई किसी अन्य व्यक्ति से की जाए कुछ इस प्रकार से की यदि वह व्यक्ति स्वयं सुने तो उसे दुख हो।

सच्चाई को जाने
सबसे अहम बात यह है कि आप सुनी सुनाई बातों पर विष्वास न करे सबसे पहले ये जान लें कि उस बात में कितनी सच्चाई है। कई बार कुछ बातें ऐसी होती है जो न होते हुए भी लोग अफवाहे बना देते है या फिर छोटी सी बात का पतंगड़ बना देते है। तो जरूरी है कि हमेषा बातों की सच्चाई को जाने बिना प्रतिक्रिया व्यक्त न करे क्योंकि कई बार हमारी छोटी सी गल्ती हमे अपने नजदीकी लोगों से अलग कर देती है।

धोखे के संकेतों से बचें
कई बार ऐसा होता है कि हमें कुछ ऐसे संकेत मिलते है जिससे पता चलता है कि सामने वाला हमें धोखा दे रहा है लेकिन हम उन्हे अनदेखा कर देते है। लेकिन जितना अधिक अवसर पीठ पीछे बुराई करने वालो को मिलेगा आपके संबंध में उतनी अफवाहें फैलेंगी। इससे आपकी छवि और आपके कामकाज पर भी असर पड़ेगा। इसका भुगतान केवल आप भी भरेंगे और लोग तो केवल मजा ही लेंगे। ऐसे में जरूरी है कि आप इन संकेतों पर ध्यान दें और इनसे निबटंे।

अच्छे संबंध बनाएं
ध्यान दें यदि आपके संबंध अच्छे होंगे तो लोग आपके बारे में गलत सोंचने में भी दस बार सोचेंगे। महत्वपूर्ण है कि अपनी छवि को अच्छा बनाए रखने के लिए अपने आस पास के लोगों से व्यवहार मे मित्रता और सकारात्मक रूख अपनाए। सभी को सम्मान दे लेकिन यदि आपका व्यवहार बेरूखा है तो लाजमी है आप बुराई के पात्र बनेगे ही। जरूरी है कि आपका व्यवहार लोगों के बीच कैसा है उन्हे मौका न मिल पाएं कि वे पीठ पीछे आपकी बुराई कर सके।

नोट करिए
ध्यान रखिए कि जब भी आपको लगता है कि कोई आपकी पीठ पीछे बुराई करके औरो के बीच आपके लिए अफवाहे फैला रहा है तो आप नोट करिए कि आपको कब कैसे और कहां आपके बारे में गलत अफवाह उस व्यक्ति ने फैलाई। जो भी हुआ उसको लिख डालिए साथ ही उन कारणों को भी जिनकी वजह से आप सोचते हों कि किसी ने आपको जान बूझ कर चोट पहुंचाई है। इससे आपके अनुभवों का विवेचन आसान हो जाता है, और आपको पता चलता है कि वह घटना मात्र एक गलतफहमी है अथवा किसी बड़े षड्यंत्र का एक भाग।

कुछ इन बातों पर भी ध्यान दें-

-जब आपको किसी व्यक्ति विषेष पर षक हो तो आप उससे जुडे किसी ऐसे व्यक्ति से बात करे जो उसका मित्र न हो कर केवल उसे जानता हो। और उस व्यक्ति को उसके चरित्र के बारे में साथ ही उसके कारनामे और व्यवहार के बारे में बताएं ।
-आपको लगता है कि बात आपके व्यक्तिव्त पर आ रही है साथ ही बढ़ती जा रही है तो पीठ पीछे बुराई करने वाले से स्वयं मिलिए। और यदि व्यक्तिगत रूप से बात नहीं कर पा रहे तो टेक्स्ट या ई मेल का प्रयोग करे।
-अक्सर देखने में आता है कि कुछ ऐसे लोग भी हमारे घर,आॅफिस और मौहल्ले में मौजूद होते है मानसिक तौर से मनोरोगी तो नहीं होते लेकिन दूसरे का मजाक या पीठ पीछे बुराई करने में उन्हे बेहद मजा आता है। लेकिन जरूरी है कि आप अपनी प्रतिष्ठा बनाएं रखने के लिए ऐसे लोगों से दूर ही रहे।
-यदि बात किसी कार्यालय की जाए तो बहुत से सहकर्मी ऐसे होते है जो दूसरों को आगे न बढ़ने देने के लिए चालाकियांें का इस्तेमाल करते है और उन्हे नीचा दिखाने के लिए गलत बातों का षड्यंत्र रचते है ऐसे में आपको चाहिए कि बातों को जानने की कोषिष करे और उनका समाधान निकालें।
-उन घटनाओं की व्यक्तिगत रूप से अथव ई मेल द्वारा चर्चा करें, जिनकी वजह से आप परेशान हैं। समस्या को सामने लाइये और देखिये कि क्या दूसरे व्यक्ति में उस पर बात करने योग्य परिपक्वता है।
-यदि सामने वाला व्यक्ति अपनी गलती मानने से इंकार कर देता है तो आपके द्वारा नोट की गई सभी बातों को सभी के सामने रखे जिनके बीच वह आपकी बुराई करता था या अफवाहें फैलाता था।
-हमेषा ध्यान दे कई बार कुछ लोग आपके मित्र या परिजनो के बारे में उल्टा सीधा बोलकर कि फलां तेरे बारे में ऐसा कहता है विष्वास न करे क्या पता वह व्यक्ति तुम्हारे बीच करवाहट लाना चाहता हो
। कहते है न सुनो सब की करो अपने मन की।

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